पतंजलि में “वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान-एकात्म बोध” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित, जानिए…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर पतंजलि योगपीठ में ‘वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान-एकात्म बोध’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें 75 करोड़ सूर्य नमस्कार संकल्प कार्यक्रम की वैबसाइट का लोकार्पण मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया।
संगोष्ठि को सम्बोधित करते हुए स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि यह गौरव का क्षण है कि आज आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का शुभारम्भ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम अपने आप में एक बहुत बड़ा कीर्तिमान बनेगा। स्वामी रामदेव ने कहा कि देश में योग शिक्षा को आंशिक रूप से लागू करने के लिए टुकड़ों में प्रयास हो रहे थे लेकिन शिवराज सिंह ने योग को व्यापक रूप से शिक्षा का अंग बनाने के लिए बहुत बड़ी कार्य योजना की प्रतिबद्धता यहाँ से अभिव्यक्त की है। वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान और एकात्म मानववाद विषय पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने जो दर्शन दिया था उसके संदर्भ में मुख्यमंत्री के संबोधन की बड़ी व्यापकता है। आज पूरे विश्व में बैक्टिरियल, वायरल, फंगल, कम्यूनिकेबल, नॉन-कम्यूनिकेबल, लाईफ-स्टाइल व जैनेटिक डिजीज से कोहराम मचा है। इन सभी रोगों, सब प्रकार के नशों, हिंसा, झूठ, बेईमानी, कदाचार व समस्त दुख दारिद्र का समाधान हमारे सांस्कृतिक सत्यों में निहित है। इस अवसर पर स्वामी रामदेव महाराज ने कहा कि योगधर्म, अध्यात्मधर्म के साथ अपने राजधर्म व राष्ट्रधर्म को निभाने वाले मुख्यमंत्री पर पूरा राष्ट्र गौरव करता है।
कार्यक्रम में मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में वैभवशाली, गौरवशाली सम्पन्न भारत का निर्माण हो रहा है। उसके निर्माण के लिए हमारे योद्धा संन्यासीयों ने योग, आयुर्वेद, शिक्षा व अध्यात्म के माध्यम से देश ही नहीं पूरे विश्व में क्रांति की है। आज हमने यहाँ 75 करोड़ सूर्य नमस्कार का वर्चुअली शुभारंभ किया है। मैं स्वयं यह महसूस करता हूँ कि योग की शिक्षा व्यक्ति के मन, बुद्धि व आत्मा का विकास करेगी और ऐसे व्यक्तियों का निर्माण करेगी जो वास्तव में देशभक्त, चरित्रवान, ईमानदार, परोपकारी, अपने लिए नहीं अपितु दूसरों के लिए जीने वाले होंगे। योग की शिक्षा के लिए मध्य प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा। हम योग आयोग का गठन करेंगे और पूरी दुनिया को दिशा व मार्गदर्शन देने वाले श्रेष्ठ संत और संन्यासीयों के दिशा-निर्देशन में यह सारा कार्य होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि इससे प्रदेश भी बदलेगा और पूरा देश भी बदलेगा।
शिवराज सिंह ने कहा कि योगऋषि स्वामी रामदेव महाराज एवं आचार्य बालकृष्ण महाराज ने योग, आयुर्वेद, भारतीय संस्कृति, वैदिक शिक्षा को विश्व पटल पर स्थापित करने के लिए अद्भुत कार्य किया है। स्वदेशी से आत्मनिर्भर भारत के नव-निर्माण हेतु, योग व उद्योग के माध्यम से पतंजलि लाखों किसानों एवं युवाओं को रोजगार प्रदान कर रहा है।
आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि पतंजलि से योग के महा-अभियान का सूत्रपात होने जा रहा है कि स्वर्ण जयन्ती वर्ष के रूप में 75 करोड़ सूर्य नमस्कार कार्यक्रम का प्रारंभ पतंजलि से होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार शासन के साथ-साथ संस्कृति, परम्परा के संरक्षण व संवर्द्धन पर भी एक उदाहरण के रूप में कार्य करती है। शिवराज सिंह ने प्रयास करके मध्य प्रदेश को देश के अग्रणी प्रदेशों में से एक बनाया है। एक समय था जब मध्य प्रदेश में अन्य राज्यों से अनाज आयातित होता था, आज मध्य प्रदेश वह प्रदेश है जहाँ खाद्यानों के भण्डार हैं। यहाँ का शरबती गेहूँ देश ही नहीं पूरे विश्व में निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश के स्कूलों में योग शिक्षा लागू कर गाँव-गाँव तक योग के प्रचार-प्रसार की प्रतिबद्धता दोहरायी है। ‘वैश्विक चुनौतियों का सनातन समाधान-एकात्म बोध’ विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ हैं। यदि हम सनातन परम्पराओं के आश्रय व जड़ को पकड़कर रखेंगे तो सभी समस्याओं का समाधान वहीं से मिलेगा।
इसके पश्चात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आचार्य बालकृष्ण महाराज के साथ गौ आधारित कृषि पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि गौ आधारित कृषि को लेकर पतंजलि योगपीठ में अनुकरणीय कार्य हो रहा है। उन्होंने पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से कोरोना की प्रथम आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए आचार्य बालकृष्ण का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आपने भारतीय मनीषा एवं भारतीय चिकित्सा का गौरव बढ़ाया है।
कार्यक्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलानुशासिका डॉ. साध्वी देवप्रिया, बहन ऋतम्भरा, प्रति-कुलपति प्रो. महावीर, बहन अंशुल, बहन पारूल, केन्द्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य, भाई राकेश, अजय आर्य जी, स्वामी परमार्थ देव आदि उपस्थित रहे।