शहर में बढ़ती ई-रिक्शा की संख्या से यातायात व्यवस्था बदहाल, पंडित अधीर कौशिक ने एआरटीओ और जिला प्रशासन से पूछे ये सवाल, जानिए…
हरिद्वार। शहर में लगातार बढ़ रही ई-रिक्शाओं की संख्या को लेकर श्री अखंड परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने चिंता जाहिर की है। पंडित अधीर कौशिक ने जिला प्रशासन और एआरटीओ से कई सवाल पूछे हैं। उनका कहना है कि कल सोमवार 02 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन धर्मनगरी हरिद्वार में चारों ओर जाम की स्थिति बनी हुई थी। हर ओर ई-रिक्शा ही दिखाई पड़ रही थी। शहर में लगातार बढ़ रही ई-रिक्शाओं की भीड़ से शहर की यातायात व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो गई है।
उन्होंने कहा कि एआरटीओ रोजाना 40 से 50 ई-रिक्शाओं को अनुमति प्रदान करते हैं, आखिर वह कौन सा मानक है और शहर की कितनी क्षमता है? शहर में कितनी ई-रिक्शा चलाई जा सकती हैं? इसका जवाब एआरटीओ को देना चाहिए, पहले से ही शहर में घोड़े-तांगे, थ्री-व्हीलर, टेंपो और ऑटो संचालित किये जा रहे हैं इन सब के बीच बिना मानकों के ई-रिक्शाओं को दी जा रही अनुमति कहीं ना कहीं एआरटीओ की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है। उन्होंने चिंता जाहिर की है कि इस तरह भीड़ और मेलों में यदि कोई दुर्घटना घटती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?