ओक्टोगन बिल्डर्स की एसआईटी से जांच कराने की मांग…

हरिद्वार। ओक्टोगन बिल्डर्स के डायरेक्टर और उनके पार्टनर द्वारा आवासीय प्लॉट देने के नाम पर की जा रही धोखाधड़ी, अवैध वसूली, गुंडागर्दी, जबरन पैसे मांगने और ब्लैकमेलिंग करने से पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी से ऑप्टागन बिल्डर्स की एसआईटी से जांच कराने की मांग की है। बिल्डर्स से प्लाट खरीदने वालों ने सोमवार को यह मांग प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए की है।
बिल्डर्स से परेशान और पीड़ित लोगों ने कहा कि वह पिछले कई वर्षों से बिल्डर द्वारा पीड़ित हैं और इस बारे में वे कई बार पुलिस से गुहार भी लगा चुके हैं, प्रशासन से मदद भी मांग चुके हैं मगर बिल्डर्स के सामने उनकी पीड़ा फीकी पड़ जाती है ना प्रशासन उनको सहयोग करता है और ना ही पुलिस सहयोग करती है। उनका पैसा फंसा है और ऊपर से उनको ब्लैकमेल किया जाता है। मगर उनकी मदद कोई नहीं करता है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड, धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा किनारे अपना मकान, फ्लैट, प्लाट आदि होने का सपना दिखाकर झांसा देकर हजारों लोगो को ठगा गया है। जिनमे अधिकतर लोग बुजुर्ग पेंशनर है। जिन्होंने अपनी जिंदगी भर की कमाई ऐसे भू-माफियाओं को दे दी। बताया कि ओक्टोगन के डायरेक्टर कुलदीप नंदराजयोग और उनके पार्टनर्स अंजली त्यागी, शैंकी त्यागी, शेखर इत्यादि द्वारा उत्तराखंड धर्मनगरी हरिद्वार में आवासीय प्लाट दिलाने के नाम पर कई सौ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है।

बहादराबाद थाना क्षेत्र के गांव शांतरशाह के पास क्रिस्टल वर्ल्ड के पीछे संतूर सिटी, हर हर गंगे, आदियोगी विहार के नाम से कॉलोनी में प्लाट दिलाने का अथवा मकान बनाकर देने का झांसा देकर प्लाटों की बुकिंग 2007 से शुरू की थी। देशभर के बड़े-बड़े अखबारों में इसका विज्ञापन दिया गया था। जिसे देखकर काफी लोगों ने देवभूमि उत्तराखंड के धर्मनगरी हरिद्वार के नाम पर अपने खून-पसीने की कमाई रिटायरमेंट का पैसा व लोन तक लेकर प्लॉट बुक कराये थे जिसके सभी प्रमाण मौजूद हैं। बताया कि इसमें भी कई प्रकार से उनके साथ धोखाधड़ी की गई है। पहला जिसमें लोगों से पूरा पैसा लेकर रजिस्ट्री करा कर म्यूटेशन कराया पर कब्जा नहीं दिया, दूसरा पूरा पैसा लेकर रजिस्ट्री कराई और उसका म्यूटेशन नहीं हो रहा, तीसरा पूरा पैसा दे दिया गया है पर आज तक रजिस्ट्री करने को तैयार नहीं है, कुछ लोगों ने पार्ट पेमेंट किया था उनका अनअप्रूव्ड प्लाटो के फर्जी बैनामा देकर फालतू पैसे मांगे जा रहे हैं। साथ ही बिल्डर्स ने वादा किया था कि एचआरडीए से भी अप्रूव्ड कराया जाएगा परंतु साइट प्लान आज तक भी अप्रूव नहीं हुआ। पीड़ितो नें बताया कि रजिस्ट्री किसानों से प्लाट काटकर करवाई जा रही है, पैसे कुलदीप, अंजली त्यागी, शैकी त्यागी अपने नाम से ले रहे हैं व ले चुके हैं और पिछली रसीदों का लेआउट दिखाकर अतिरिक्त पैसों की मांग की जा रही है मौके पर एचआरडीए की कोई भी स्वीकृत नहीं ली गई तथा मौके पर कोई पैमाइश नहीं है और ना ही पैमाइश है, एक ही प्लाट की कई-कई लोगों को रजिस्ट्री की गई है एक ही प्लाट पर कई-कई के लोगों को पैसा उठाया गया है।
विपिन त्यागी ने बताया कि तकरीबन 1200 लोगों के पास प्लाट की रजिस्ट्री है और 5000 लोगों से ज्यादा पार्ट पेमेंट वसूल किया गया है पर कब्जा किसीको नहीं दिया गया है।
इस प्रकार तकरीबन 1500 करोड़ से ऊपर की धांधली की गई है जिसकी शिकायत सभी लोगों ने अपने-अपने तौर पर सीएम से लेकर डीएम तक सभी जगह की गई है। अलग-अलग जिलों में की गई है लगभग 80 से ज्यादा मुकदमे लंबित है।
उन्होंने जिलाधिकारी से माँग है की तत्काल एसआईटी का गठन किया जाए और नई रजिस्ट्री करने पर तत्काल पाबंदी लगाई जाए उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट से अरेस्ट ऑर्डर होने के बावजूद भी मित्र पुलिस ओक्टोग्न बिल्डर के मालिक कुलदीप को गिरफ्तार करने को तैयार नहीं है, कुलदीप की सहयोगी अंजलि त्यागी पर भी गैंगस्टर लगी हुई है लेकिन वह भी खुलेआम घूम रही है बल्कि अंजली त्यागी तो सबको 376 में फसाने की धमकी देती है और यह कहकर ब्लैकमेल करती है। वही शैंकी त्यागी यही हरिद्वार में रह रहा है और आजकल आदियोगी के नाम से बाबा बनकर खुलेआम घूम रहा है।

हमारी उत्तराखंड सरकार, मुख्यमंत्री जिला प्रशासन से मांग है कि एसआईटी का गठन कर जांच कराई जाए, अभियुक्तों को अरेस्ट किया जाए व पीड़ितों पेंशनरों जिन्होंने अपने खून पसीने की सारी कमाई यहां लगा दी को न्याय दिलाया जाए। प्रेस वार्ता में विपिन त्यागी, प्रवीण शर्मा, नीलम कुमारी उपाध्याय, निश्चल, सीमा शर्मा, अनिल गोयल, शोभा, अमित गोयल, आजाद सिंह, अरुणा गुप्ता, मंजू त्यागी, बालेश्वर दयाल, रवि केसवानी, बीरबल अग्रवाल, अंकुर मित्तल, राजाराम चौहान, सेवाराम, शक्ति सिंह, महेश दत्त, अनिल बंसल, विनोद कुमार त्यागी, महेश चंद्र शर्मा, पंकज झा, कांता प्रसाद सहित अनेकों पीड़ित उपस्थित रहे।

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