बड़ी खबर। बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू कनौजिया बाइज्जत बरी। विजिलेंस कोर्ट ने सुनाया फैसला। जानिए पूरा मामला…
देहरादून। विजिलेंस कोर्ट ने आज एक अहम फैसला सुनाते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू कनौजिया को बाइज्जत बरी कर दिया है आपको बता दें कि बाल विकास विभाग देहरादून में तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी सहसपुर के पद पर मंजू कनौजिया को वर्ष 2014 में झुठे आरोपों में विभागीय रंजिश के चलते विजिलेंस के द्वारा मुकदमा अपराध संख्या 6/2014 दर्ज कर फंसाया गया था। जिनका मामला विजिलेंस कोर्ट देहरादून विशेष न्यायाधीश माननीय अपर जिला जज तृतीय मनोज गबर्याल की कोर्ट में विचाराधीन था। जिसमें तमाम दलीलों गवाहों एवं अपने अपनी ओर से दोनों पक्षों की ओर से सबूत पेश किए गए और विजिलेंस के द्वारा कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए थे।
विजिलेंस कोर्ट में मंजू कनौजिया की ओर से देहरादून न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार यादव एडवोकेट ने अपर जिला जज तृतीय मनोज गबर्याल की कोर्ट में मंजू कनौजिया की ओर से झूठा फंसाया जाने को लेकर एक लंबी बहस की और जिसमें शनिवार को न्यायालय ने अपना फैसला सुना दिया और विजिलेंस कोर्ट देहरादून विजिलेंस के द्वारा लगाए गए आरोपों को सिद्ध कर पाने में असफल रही है जिस को मानते हुए विजेंस को देहरादून ने तत्कालीन बाल विकास परियोजना अधिकारी मंजू कनौजिया को दोषमुक्त करते हुए बेइज्जत बरी किया गया है।