भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन का तीन दिवसीय सम्मेलन आयोजित…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी और संपूर्ण कर्ज माफी की मांग की है। इस दौरान यूनियन की ओर से राष्ट्रपति को 21 सूत्रीय मांग पत्र भी प्रेषित किया गया। अलकनंदा घाट पर आयोजित भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन के तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान किसानों को संबोधित करते हुए यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दादा मानसिंह ने कहा कि दिल्ली में चले किसान आंदोलन के दौरान सरकार किसानों से किए एमएसपी पर गारंटी कानून के वादे को पूरा करने में विफल रही है। सरकार की नीतियों के चलते देश भर के किसान भारी आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं। सरकार किसानों को राहत देने में विफल साबित हो रही हैं। दादा मानसिंह ने कहा कि किसानों को राहत देने के लिए किसानों को संपूर्ण कर्जा माफी दी जाए। मिलों पर बकाया गन्ना भुगतान किसानों को दिलाया जाए। मनरेगा में मिलने वाले मजदूरी को बढ़ाकर चार सौ रूपए प्रतिदिन किया जाए। निरस्त किए गए गरीब किसानों के श्रेणी तीन के पट्टों को बहाल किया जाए। बिजली संसोधन विधेयक वापस लिया जाए। किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकद्मों को वापस लिया जाए। प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के किसानों की मजबूती के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों को मिलजुल कर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान देश की रीढ़ है। किसान मजबूत होंगे तो देश तरक्की की और अग्रसर होगा। यूनियन लगातार किसानों के हितों में आवाज उठा रही है। किसानों की आय दोगुना हो। इसको लेकर भी प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों की समस्याओं का निदान त्वरित होना चाहिए। इस अवसर पर अशोक कुमार, उमाकांत श्रीवास्तव, राकेश कुमार रावत, विशेष यादव, चैधरी धर्मवीर सिंह, हेमलता झा, सवेंद्र यादव, हरीश चंद्रा, रविंद्र धीमान, राजकुमार सिंह, नीरज कुमार, शिवराम यादव सहित देश भर से आए किसान मौजूद रहे।

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