हरिद्वार का एक समाजसेवी ऐसा भी जो जान हथेली पर रखकर कोरोना से हुई मौतों के शवो को कंधा देकर अपने खर्चे से करा रहा है अंतिम संस्कार,जानिये इसके बारे में,
सुमित यशकल्याण
हरिद्वार। कोरोना काल की इस विपत्ति के समय में जब पास, पड़ोस के लोग और रिश्तेदार भी मदद करने से हिच किचा रहे हैं ऐसे में कनखल के रहने वाले समाजसेवी भूपेंद्र कुमार जान हथेली पर रखकर कोरोना के पीड़ित परिवारों की मदद कर रहे हैं, भूपेंद्र कुमार द्वारा कनखल श्मशान घाट पर जरूरतमंद और कोरोना से मृत लोगो के अंतिम संस्कार के लिए निशुल्क लकड़ी उपलब्ध करवाई जा रही है ,इतना ही नहीं जिस कोरोना से मृत व्यक्ति का कोई अपना नहीं है तो भूपेंद्र कुमार उनके शवों को कंधा देकर अपने खर्चे से उनका अंतिम संस्कार करवा रहे हैं ,
आज भूपेंद्र द्वारा ऐसे ही दो व्यक्तियों के अंतिम संस्कार अपने खर्चे से करवाए गए हैं।
पहला मामला, रानीपुर मोड़ के पास रहने वाले चंद्रकांत अग्रवाल, उम्र 50 वर्ष, कि कोरोना से मौत हो गई थी और उनके अंतिम संस्कार के लिए आस-पड़ोस के लोगों और रिश्तेदारों ने कोई मदद नहीं की, उनका लड़का बेंगलुरु में है ऐसे में उनकी मदद के लिए भूपेंद्र कुमार आये और उन्होंने मृतक की विवाहित बेटी बरखा अग्रवाल के साथ मृतक चंद्रकांत के शव को कंधा दिया। कनखल श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार करवाया, मृतक की बेटी बरखा अग्रवाल ने पीपीई किट पहनकर अपने पिता को मुखाग्नि दी,
दूसरा मामला कनखल के विवेकानंद इंक्लेव का है जिस में रहने वाले प्रेम प्रकाश शर्मा, उम्र 40 वर्ष, की कोरोना मौत हो गई थी, उनके परिवार में उनका एक छोटा बेटा और पत्नी ही थे, आस पड़ोस के लोग उनकी मदद करने के लिए नहीं आए, अधिकारियों द्वारा भूपेंद्र कुमार से संपर्क कर उनके अंतिम संस्कार का निवेदन किया गया ,जिस पर भूपेंद्र कुमार ने मृतक को कंधा देकर शव का अपने खर्चे से कनखल श्मशान घाट में अंतिम संस्कार करवाया, इस विपत्ति की घड़ी में भूपेंद्र कुमार द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों के लिए लोग जमकर सराहना कर रहे हैं,