जानिए क्यों बनाया जाता है नाग पंचमी का त्यौहार और कैसे पाए काल सर्प दोष से मुक्ति।
हरिद्वार/ तुषार गुप्ता
हिंदू धर्म में सावन मास का विशेष महत्व है इस मास में कई महत्वपूर्ण पर्व पड़ते हैं। 13 अगस्त को नागपंचमी का त्योहार मनाया जाएगा।ये त्योहार हर साल सावन माह में पंचमी तिथि को मनाया जाता है। हिंदू धर्म के पौराणिक कथाओं में नाग एवं नाग देवता का जिक्र हमेशा से ही है भगवान शिव के गले में नागराज वासुकि और भगवान विष्णु के विश्राम का साधन शेषनाग इसके उदहारण है ।यह भी कहा जाता है पाताल लोक के स्वामी भी सर्प ही है।कहा जाता है कि नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने से उनकी कृपा बनी रहती है और वह घर की सुरक्षा करते हैं। नागपंचमी के पूजन से कालसर्प योग से मुक्ति मिलती है।
नागपंचमी के पीछे की कहानी
बताया जाता है कि जिस दिन ब्रह्माजी ने आस्तिक मुनि द्वारा नागों को बचाने का वरदान दिया था, उस दिन पंचमी तिथि थी। इसके साथ ही जिस दिन आस्तिक मुनि ने राजा जनमेजय के यज्ञ को समाप्त करवाकर नागों के प्राण बचाए थे, उस दिन सावन की पंचमी तिथि थी। इसलिए सांपों को पंचमी तिथि अति प्रिय है। इसलिए पंचमी और सावन की पंचमी तिथि को नागपंचमी का त्योहार मनाने की परंपरा महाभारत काल से चली आ रही है।
यह करे उपाय
1.नाग पंचमी के दिन नाग देवता के दर्शन करें और पूजा करें। उन्हें दूध से स्नान कराएं और उनसे क्षमा याचना करें। इसके बाद राहु-केतु की शांति की पूजा कराएं। फिर गोमेद या चांदी से बनी नाग की आकृति की अंगूठी हाथ में धारण कर लें। इस उपाय से भी काल सर्प दोष समाप्त होने की मान्यता है।
2. काल सर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए नाग पंचमी के दिन अपने वजन का कोयला खरीदकर उसे पानी में प्रवाहित कर सकते हैं।
3. सबसे सरल तरीका नाग देवता और शिवलिंग को दूध चढ़ाएं। फिर नाग देवता से प्रार्थना करें कि वह काल सर्प दोष से उन्हें मुक्त कर दें।