राष्ट्रीय बालिका दिवस पर एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज में छात्र-छात्राओं के साथ संवाद कार्यक्रम का किया गया आयोजन…

हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।

हरिद्वार। मंगलवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज में छात्र-छात्राओं के साथ संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी तथा राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष विनय थपलियाल के साथ बड़ी संख्या में काॅलेज के छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।

काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यभार ग्रहण करने की तिथि के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 24 जनवरी को मनाया जाता है। वास्तव में ऐसे कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसी संकल्पना को सार्थक करने में अत्यन्त उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की समाज में सशक्त भूमिका होने से स्वतः ही राष्ट्र एवं समाज निरन्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर होगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने महिलाओं के घरेलू कामकाज के मौद्रिक मूल्याकंन की संकल्पना को धरातल पर उतारने के लिए आवश्यक है कि सरकार उचित कदम उठाये। डाॅ. बत्रा ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिए एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम सभी इस अवसर पर अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करें। डाॅ. बत्रा ने रेखांकित किया कि उनका कार्यालय सदैव प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए खुला है और वे महिला सुरक्षा तथा लैगिंक न्याय जैसी संकल्पना के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यह कार्यक्रम एकपक्षीय न होकर संवाद कार्यक्रम है, अतः उन्होंने युवा पीढ़ी के विचार जानने के लिए उन्हें मंच पर आमंत्रित किया।
महिला सशक्तीकरण, महिला सुरक्षा तथा समान अधिकार जैसे मुद्दों पर छात्र-छात्राओं ने बेबाक होकर अपनी राय रखी। डाॅ. माहेश्वरी ने आधुनिक युवा पुरूषों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि आधुनिक पुरूष रसोईघर में कार्य करने अथवा घरेलू कार्य करने में हिचकिचाता नहीं है और यह प्रगतिशीलता का आधुनिक मापदण्ड है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष विनय थपलियाल ने कहा कि मातृ सत्तात्मक तथा पितृ सत्तात्मकता सामाजिक परिस्थितियों की उपज है न कि कोई प्राकृतिक संरचना। अतः समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है कि हम बंधी बंधाई धारणाओं को प्रश्नगत करते हुए समाज की प्रगति में योगदान दें।

इस अवसर पर मुख्य रूप से अर्शिका, अन्नया भटनागर, किरण, अक्षत त्रिवेदी, अंकुश, गौरव बंसल, आयुष, सोनिया, खुशी, विवेक, अमित, शुभ्रा, अंजली, सुनीता, अतिथि सहित अनेक छात्र-छात्राऐं उपस्थित रहे।

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