कोर विश्वविद्यालय में मोटिवेशनल स्पीकर जया किशोरी ने छात्रों का मन मोहा…
हरिद्वार। कोर विश्वविद्यालय में ऑडिटोरियम पूरी तरह खचाखच भरा हुआ था, जहां कथावाचक और प्रेरक वक्ता जया किशोरी को जीवन में सफल होने के बारे में व्याख्यान देना था। जया किशोरी, धार्मिक जगत में एक जाना-माना नाम, जो भगवान कृष्ण के प्रति समर्पित हैं और श्रीमद्भागवत कथा पर प्रवचन देती हैं, ने अपने प्रेरक शब्दों और रहस्यमय उपस्थिति से दर्शकों और छात्रों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मौका था कोर विश्वविद्यालय के संस्थापक और कुलाधिपति जे.सी. जैन की 76वीं जयंती का।
कोर विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग छात्रों के लिए सफल कैसे हों विषय पर अपनी बातचीत में जया किशोरी ने कहा कि स्कूल या कॉलेज में अंक प्राप्त करना छात्रों का लक्ष्य नहीं होना चाहिए बल्कि लक्ष्य यह होना चाहिए कि सफल कैसे हों। “अंक यह निर्धारित नहीं करते कि आप कितने सफल हैं बल्कि ज्ञान निर्धारित करता है। कॉलेज से निकलने के बाद आपका ज्ञान और बुद्धिमता आपके विकास को प्रभावित करेगी, न कि अकादमिक क्षेत्र में प्राप्त अंकों को।” जया ने परीक्षा के दौरान ‘सात्विक’ भोजन लेने की आवश्यकता पर भी जोर दिया क्योंकि इससे व्यक्ति को अधिक ध्यान केंद्रित करने और शांत रहने में मदद मिलती है। उन्होंने युवाओं को समझदारी से दोस्त बनाने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने महाकाव्य महाभारत से उदाहरण देते हुए कहा कि व्यक्ति को कृष्ण जैसे मित्र होने चाहिए जो आपको जीवन में आगे बढ़ाते हैं, न कि ‘शकुनि’ जैसे जो जीवन को बर्बाद कर देते हैं। दर्शकों की मांग पर उन्होंने अपने म्यूजिकल एलबम से एक दोहा भी गाया। नरेश मोहन ने उनकी संक्षिप्त प्रोफ़ाइल के साथ दर्शकों को उनका परिचय दिया।
‘किशोरी जी’ और ‘आधुनिक युग की मीरा’ के नाम से मशहूर जया ने अपने श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी। कोर विश्वविद्यालय के संस्थापक और कुलाधिपति जे.सी. जैन ने कहा कि जया द्वारा दिए गए टिप्स छात्रों को जीवन में गलत आदतों से उबरने और अपने करियर में प्रगतिशील बनने में मदद करेंगे।
कोर विश्वविद्यालय की कार्यकारी निदेशक चारू जैन ने जया किशोरी को बद्रीनाथ मंदिर का प्रसाद भेंट किया। इस अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला, वीरेन्द्र सती, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, हरेन्द्र गर्ग, अजय जैन, सामाजिक कार्यकर्ता जगदीश लाल पाहवा, डॉ.विशाल गर्ग आदि मौजूद रहे।