दिग्विजय प्रकाशन की पत्रिका ‘प्रयागराज महाकुंभ-2025 परम्परायें और पुण्यस्नान’ का हुआ शानदार विमोचन
दिल्ली।जो सशरीर महाकुंभ में नहीं जा सकते, वे इस पत्रिका में डुबकी लगाकर कुंभ और उसके माहात्म्य की अनुभूति पा सकते हैं। यह बात वैश्विक संत समाज कल्याण न्यास के संस्थापक व अध्यक्ष स्वामी चंद्रदेव जी महाराज ने कही। वह गुरुवार को हिन्दी भवन, नई दिल्ली में दिग्विजय प्रकाशन की पत्रिका ‘प्रयागराज महाकुंभ 2025-परम्परायें और पुण्यस्नान’ के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व स्मारिका की सम्पादक डॉ. मधु के. श्रीवास्तव ने अतिथियों का परिचय कराया और प्रकाशक राजकुमार श्रीवास्तव ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। मुख्य सलाहकार गोवर्धन थपलियाल ने स्मारिका की संक्षिप्त समीक्षा की।
समारोह में मां गंगा की महिमा पर एक गीत का भी लोकार्पण हुआ। समारोह की अध्यक्षता पद्मश्री डा. मोहसिन वली ने की। उन्होंने कुंभ की महिमा और अमृत घट का वर्णन करते हुए कहा कि जो चीज़ देवताओं के लिए थी, वो मानव को भी उपलब्ध कराई गई। कुंभ के दौरान संगम में स्नान इसी अमृत का पान करना है। डा. वली ने बताया कि उन्होंने देश के प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए हैं और उनकी बरक़त को वह अपनी जिंदगी में भी देखते हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व विधायक और भाजपा नेता डॉ. विजय जौली ने स्मारिका के आवरण पर दो संतों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरों को महाकुंभ के माहात्म्य की दृष्टि से अनूठा बताया। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में स्वच्छता का संदेश दिया।
समारोह में स्मारिका में लेखकीय योगदान देने वाले लेखकों का भी सम्मान किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार-कवि डॉ. अशोक मधुप और डॉ. धनंजय सिंह के कविता पाठ के साथ कई कवि-कवियित्रियों ने अपने काव्यपाठ से सभी को भावविभोर कर दिया और अन्त में, प्रकाशक राजकुमार श्रीवास्तव ने सभी आगत अतिथियों, कवियों, पत्रकारों एवं गणमान्य श्रोताओं के प्रति आभार एवं धन्यवादम् ज्ञापित किया। इसी के साथ, समारोह का समापन हुआ।