नए आपराधिक कानून के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम विषय पर संगोष्ठी तथा जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन…
हरिद्वार। मंगलवार को एसएमजेएन पीजी कॉलेज हरिद्वार में नए आपराधिक कानून के अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम विषय पर एक संगोष्ठी तथा जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार तथा कॉलेज की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार के की नोट स्पीकर संजय चौहान, प्रीतम सिंह तथा संजय गौड़ ने नए आपराधिक कानूनों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर संजय चौहान ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता के अंतर्गत मॉब लिंचिंग, चेन स्नेचिंग, वित्तीय जालसाजी, ऑनलाइन शॉपिंग से जुड़े धोखाधड़ी के कई ऐसे कृत्यों को भी अपराधों की श्रेणी में सम्मिलित किया गया हैं जिन पर नियंत्रण पाना आज की अत्यंत आवश्यकता हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में महिलाओं तथा बच्चों पर हो रहे अपराधों को नियंत्रक करने हेतु कठोर नियम बनाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज सीसीटीवी अपराधों को नियंत्रित करने में तीसरी आंख के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र से आए प्रीतम सिंह ने प्रतिभागियों को जानकारी देते हुए बताया कि नियम और कानून में क्या अंतर होता हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पुलिस ने ई-एफआईआर हेतु ऐप भी बनाया है। उन्होंने कहा कि प्रथम बार अपराध करने वाले अपराधियों को सुधारने हेतु सामुदायिक सेवा का प्रावधान भी किया गया हैं। कार्यक्रम में सशस्त्र प्रशिक्षण केंद्र हरिद्वार के संजय गौड़ ने विद्यार्थियों तथा अन्य प्रतिभागियों के भारतीय न्याय संहिता से संबंधित प्रश्नों का निवारण किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि आज की भारतीय न्यायव्यवस्था, दंड में नहीं न्याय में विश्वास रखती हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय न्याय संहिता में नए आपराधिक कानूनों का समावेश एक सुरक्षित तथा न्याय संकल्पित राष्ट्र का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि धर्म और सामाजिक व्यवस्था अपराध को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं परंतु इसमें सरकारी तंत्र तथा कानूनों की विशेष भूमिका निभानी होगी। इस अवसर पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की जयंती की पूर्व संध्या पर भी कार्यक्रम आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो विनय थपलियाल ने कहा कि आधुनिक पीढ़ी सोशल मीडिया एवं अन्य प्रचार के माध्यमों के कारण राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के संबंध में किए जा रहे दुष्प्रचार का शिकार बन रही हैं। यह बुद्धिजीवियों तथा प्राध्यापको का सामूहिक दायित्व हैं कि इस दुष्प्रचार का खंडन करें। उन्होंने कहा कि छात्र छात्राओं को गांधी जी के जीवन के विषय में प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। उन्होंने गांधी जी द्वारा 1913 में दक्षिण अफ्रीका में चलाए गए धार्मिक भेदभाव विरोधी कानून और अविधिसम्मत कर रोपण विरोधी आंदोलन का स्मरण किया। उन्होंने भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से राजनीतिक शुचिता, ईमानदारी तथा नेतृत्व जैसे गुणों को सीखने की अपील की। इस अवसर पर डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ. मीनाक्षी शर्मा, डॉ. पल्लवी, डॉ. पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ. मोना शर्मा, वैभव बत्रा, विनीत सक्सेना, अंकित बंसल, रिचा मिनोचा, रिंकल गोयल, प्रिंस श्रोत्रिय सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।