कुम्भ मेला। कोरोना नाशक महायज्ञ की आध्यात्मिक ऊर्जा से विश्व की होगी रक्षा।
सुमित यशकल्याण
वेद मंत्रों से महामारी पर भी अंकुश संभव -स्वामी प्रखर जी महाराज।
हरिद्वार। वेद मंत्र आज भी प्रत्यक्ष, प्रामाणिक और प्रासंगिक हैं, तथा वे हमारी सामयिक समस्याओं के निदान में कारगर भूमिका निभा सकते हैं। कोराना के पुनरागमन के कारण समाज-जीवन में मची उथल-पुथल, लॉकडाउन और उससे जुड़े अनेकों आसन्न संकटों से पूरी दुनिया भयभीत है। हालांकि दुनियाभर की सरकारें और संगठन मिलकर इस चुनौती पर काबू पाने का काफी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इसमें पूर्ण सफलता नहीं मिल सकी। आज श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट की ओर से भूपतवाला स्थित श्री विश्वनाथ धाम आश्रम में आयोजित प्रेस-वार्ता को सम्बोधित करते हुए प्रखर महाराज ने कहा।
प्रखर महाराज ने बताया कि लाखों लोग अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे हैं और यह सिलसिला अभी रुका नहीं हैं। यूरोप में यह महामारी अपना रौद्र रूप दिखा रही है, तो वहीं भारत में इसने फिर से दस्तक दी है। प्रखर महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि 18 से 26 मार्च, 2021 तक चलने वाले नौ दिवसीय इस कोरोना नाशक चण्डी महायज्ञ का आयोजन इसी उद्देश्य से किया जा रहा है जिससे इस वैश्विक महामारी से समस्त मानवता की रक्षा हो सके। इस महायज्ञ में काशी के विद्वान आचार्य डॉ. सुनील दीक्षित के मार्गदर्शन में 70 वेदपाठी ब्राह्मणों द्वारा सस्वर वैदिक मंत्रों से पाठ और आहूति दी जा रही है।
प्रखरजी ने विश्वास व्यक्त किया कि इस यज्ञ से उत्पन्न धुंआ और आध्यात्मिक ऊर्जा वायुमंडल में एंटी वायरस का काम करेगी। इस अभिनव आयोजन में दुर्गा शप्तशती के एक हज़ार पाठ और 14 लाख मन्त्रों का जाप करके राज राजेश्वरी माता दुर्गा की स्तुति की जा रही है जो स्वयं महामारी रूप में अनगिनत जीवों का संहार करती हैं। इस महायज्ञ में प्रतिदिन 09 घंटों की अवधि में 164 पाठ और 03 घंटे हवन किया जाता है।
इससे पूर्व ट्रस्ट की संयुक्त सचिव माँ चिदानन्दमयी ने ट्रस्ट का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि देशभर में आध्यात्मिक चेतना, वैदिक संस्कृति के संवर्धन और पीड़ित मानवता की सेवा में श्री प्रखर परोपकार मिशन ट्रस्ट निरंतर संलग्न है। गौरतलब है कि ट्रस्ट प्रत्येक कुंभ में चिकित्सा सेवा के अनुकरणीय प्रकल्प का आयोजन करता रहा है। इसी कड़ी में इस बार हरिद्वार कुंभ में भी आधुनिक उपकरणों और ऑपरेशन थिएटर के साथ सभी तीर्थ यात्रियों को निःशुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान की जाएगी।