संत शिरोमणि गुरू रविदास की सोने की पालकी यात्रा का जगह-जगह हुआ भव्य स्वागत…
हरिद्वार। धर्मनगरी में संत शिरोमणि गुरु रविदास की सोने की पालकी यात्रा का आयोजन हुआ। इस दौरान सोने की पालकी को नगर भ्रमण कराया गया जहां जगह-जगह पालकी यात्र का फूलों की वर्षा कर श्रद्धालु भक्तों द्वारा भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर पुल जटवाड़ा पर समाजसेवी राजवीर सिंह कटारिया एवं पूर्व बार संघ अध्यक्ष एडवोकेट सुशील कुमार के संयोजन में आयोजित सोने की पालकी यात्रा में गुरू रविदास साधु समाज जलांधर से पधारे संत बाबा निर्मल दास, संत परमजीत दास, श्रवण दास, संत इन्द्र दास, संत निर्मल दास जी महाराज, संत गुरू, सतपाल दास महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।
इस दौरान संत बाबा निर्मल दास ने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास के जीवन आदर्शों से समाज को प्रेरणा मिलती है। उनके द्वारा दिये गये ज्ञान का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। शिक्षित समाज ही राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि जालंधर पंजाब से संत शिरोमणि गुरू रविदास की सोने की पालकी यात्रा धर्मनगरी हरिद्वार में पहुंची है। जगह-जगह सोने की पालकी यात्रा में शामिल संत-महापुरूषों का भक्तों का द्वारा भव्य स्वागत भी किया गया। उन्होंने कहा कि समाज उत्थान में सभी को मिल-जुलकर प्रयास करने चाहिए।
संतोष ने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास का समूचा जीवन मानव सेवा में समर्पित रहा। जात-पात, धर्म के भेदभाव को दूर करते हुए समाज के विकास में योगदान दे। उन्होंने युवा पीढ़ी से आवाह्न करते हुए कहा कि शिक्षा की ओर अग्रसर हो, बुराईयों से दूर रहकर समाज को सशक्त बनाने में अपना योगदान दे।
समाजसेवी राजवीर सिंह कटारिया एवं पूर्व बार संघ अध्यक्ष एडवोकेट सुशील कुमार ने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास के जीवन आदर्शों को आत्मसात कर समाज को गति प्रदान करे। उनके बताये हुए मार्गों का अनुसरण कर राष्ट्र उन्नति में योगदान दे। उन्होंने हमेशा ही मनुष्य कल्याण में अपना योगदान दिया। सोने की पालकी यात्रा का भव्य, दिव्य स्वागत किया गया। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास ने आदर्श समाज की स्थापना में अपना विशिष्ट योगदान दिया।
पूर्व विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि संत शिरोमणि गुरू रविदास सामाजिक समरसता के सच्चे संवाहक थे। सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार करते हुए उन्होंने समाज के वंचित कमजोर वर्ग को संबल प्रदान करने का कार्य किया। साथ ही समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करते हुए अखंड भारत को मजबूत किया।
मेहरचन्द दास ने कहा कि दलित समाज के उत्थान में सभी को एकजुट होकर प्रयास करने चाहिए। शिक्षा समाज के उत्थान में विशेष स्थान रखती है। समान रूप से बाल-बालिकाओं को शिक्षा के अवसर प्राप्त होने चाहिए। इस दौरान पालकी यात्रा में मुख्य रूप से संत श्रवणदास, संत इंद्रदास, संत सतपाल दास, राजवीर सिंह कटारिया, सुशील कुमार एडवोकेट, कृष्ण कुमार, मेहर चंद दास, प्रदीप नौटियाल, किशन पाल, प्रवीण कुमार मौर्य, पुनीत कुमार, मुकेश नौटियाल, देशराज राठौर, तीर्थपाल रवि, प्रियव्रत, परवीन आदि मौजूद रहे।