अखाड़े की कार्यवाही असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण, जल्द भेख मंडल करेगा निर्णय -महंत रघु मुनि महाराज।
हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार मठ, मंदिर और अखाड़ों का शहर है। जहां मोह माया से दूर अपना घर बार छोड़कर भगवान की भक्ति में साधु- संत निवास करते हैं, लेकिन राजनीतिक दलों के साथ-साथ अब इन अखाड़ों में भी जमकर पद और कुर्सी पाने की होड़ में राजनीति और षड्यंत्र हावी होती जा रहे हैं। नया और ताजा मामला कनखल स्थित उदासीन बड़े अखाड़े का है जहां पर 03 महंतो ने मिलकर चौथे महंत, अखाड़े के कोठारी और एक सचिव पर एकतरफा, असंवैधानिक कार्रवाई को अंजाम दिया है। महंत रघुमुनि और कोठारी महंत दामोदर दास पर की गई इस तरह की कार्रवाई से शहर और समाज के लोग अचंभित हैं। आज उदासीन अखाड़ा के तीन बड़े संतो को पद से हटाने की कार्यवाही को महंत रघु मुनि ने गलत ठहराया है। कनखल स्थित बड़ा अखाड़ा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए महंत रघु मुनि ने कहा कि वे पिछले 40 सालों से अखाड़े की सेवा कर रहे हैं। यूपी के बलरामपुर में तीन महंतों ने मीटिंग करके उन सहित कोठारी महंत दामोदरदास और महंत दर्शन दास को मनमानी करते हुए अनर्गल आरोप लगाते हुए पद से हटा दिया है। जो कि पूरी तरह नियमों के खिलाफ है। महंत रघु मुनि ने कहा कि मामले में अगला निर्णय अखाड़े के भेख मंडल को करना है। भेख मंडल के संत उनके साथ है और आगे वे जो भी फैसला करेंगे सभी संत उसे स्वीकार करेंगे।
कोठारी महंत दामोदरदास महाराज ने कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने पंगत के संतो से बात की है। उनकी पंगत के वरिष्ठ संतो के कहने पर वह कोठार का चार्ज दे रहे हैं भेख मंडल उनके साथ है जल्दी ही भेख निर्णय करेगा।