सभी यज्ञों से होती है, मां भगवती की आराधना -आलोक गिरी।
हरिद्वार। स्वामी आलोक गिरी महाराज ने कहा कि सभी प्रकार के यज्ञों से जिनकी आराधना की जाती है, वे एकमात्र भगवती ही हैं। इसके अर्थ रह है कि सभी प्राणी जिनके भीतर स्थित हैं और जिनसे सम्पूर्ण जगत प्रकट होता है, जिन्हें परम तत्व कहा गया है, वे साक्षात स्वयं भगवती ही हैं। जो चराचर जगत का संचालन करती है। उनकी आज्ञा के बिना पत्ता भी नहीं हिलता है।
बताते चलें कि श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर, जगजीतपुर में चल रहे श्री श्रीमद्देवी भागवत कथा के सातवें दिन भक्तों ने भाग लेकर अपनी हाजिरी लगवाई एवं यज्ञ में भाग लेकर घी सामग्री से आहुतियां डालकर मंगल कामना की। कथा वाचक पं. सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने श्रीमद देवी भागवत महापुराण की कथा का वर्णन करते कहा कि अठारह पुराणों में देवी भागवत पुराण उसी प्रकार सर्वोत्तम है, जिस प्रकार नदियों में गंगा, देवों में शंकर, काव्यों में रामायण, प्रकाश स्त्रोतों में सूर्य, शीतलता और आह्लाद में चंद्रमा, कर्मशीलों में पृथ्वी, गंभीरता में सागर और मंत्रों में गायत्री आदि श्रेष्ठ हैं। यह पुराण श्रवण सब प्रकार के कष्टों का निवारण करके आत्मकल्याण करता है। भक्तों को ऋद्धि-सिद्धि की प्राप्ति होती है।
पं. सोहन चंद्र ढौण्डियाल कहा कि इसकी महिमा इतनी महान है कि नियमपूर्वक एक-आध श्लोक का उच्चारण करने वाला भक्त भी भगवती की कृपा का पात्र बन जाता है। नवरात्र में इसका श्रवण अधिक फलदायी है। इसलिए जितना भी समय मिले हमें भगवती के नाम का सिमरन करना चाहिए। इसके श्रवण करने तथा पाठ करने में समस्त प्राणियों को पुण्य प्राप्त होता है। इस दौरान भक्तों ने यज्ञ शाला की परिक्रमा की। इस मौके पर कथा संयोजक पुजारी बाबा मनकामेश्वर गिरी, विशाल शर्मा, हरीश चौधरी, प्रद्युम्न सिंह, उमा रानी, प्रिंसी त्यागी, रूचि अग्रवाल, निर्मला देवी, किरण डबराल, अंजू देवी, डोली रावत, दानेश्रवरी शर्मा, मिथलेश ठाकुर, मोहिनी बंसल, उमा धीमान, शिखा धीमान, विनीता राजपूत, किरण भट्ट, कमला जोशी, मीनाक्षी भट्ट, मंजू उपाध्याय, पुरी रावत, अंकुर शुक्ला, कुलदीप शाह, योगेश उपाध्याय, दीपमाला निशा, आशीष पंत, प्रांजल शर्मा सहित अन्य भक्तजन मौजूद रहे।