स्वयं के प्रति अत्यधिक जागरूकता आज के चिंतन दिवस का मूल विषय- डॉ मेनका त्रिपाठी
तुषार गुप्ता
विश्व चिंतन दिवस
यूं तो आज विश्व में हर दिन किसी न किसी दिवस विशेष के रूप में मनाया जाता है मैं चूंकि एडवांस गाइड कैप्टन हूं तो आपको बताना चाहूंगी कि आज का दिन 22 फरवरी विश्व चिंतन दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है! एक शब्द है बीपी लेकिन स्काउट गाइडिंग में इस नाम का अर्थ है लार्ड बेडेन पावेल! स्काउट एवं गाइड आंदोलन वर्ष 1908 में ब्रिटेन में सर बेडेन पॉवेल द्वारा आरम्भ किया गया। धीरे-धीरे यह आंदोलन हर एक सुसंगठित राष्ट्र में फैलने लगा, जिसमे भारत भी शामिल था।
कौन थे बी पी
22 फरवरी 1857 में लंदन में हैंनग्रेटा ग्रेस स्मिथ ने एक बालक को जन्म दिया इसका पूरा नाम का रॉबर्ट स्टीफेनसन स्मिथ बेडन पाउल! बच्चा 3 वर्ष का हुआ था कि पिता चल बसे परंतु माता ने शुभ संस्कार और अच्छी परवरिश से इस बालक को विश्व विख्यात कर दिया! सन 1900 में दक्षिण अफ्रीका के बोर युद्ध में बीपी ने 20 बालकों की टोली बना और उस टोली में असीम शौर्य साहस कर्तव्य परायणता का प्रशिक्षण देते हुए उन बच्चों की जो मिसाल बनाई वह आज प्रतिष्ठित संस्था के रूप में जानी जाती है! सारे बालक जनसाधारण से लिए गए थे असीम शक्ति से उनका परिचय करा कर बी पी ने असम्भव को सम्भव कर दिखाया!एक पुस्तक लिखकर पूरे विश्व में धूम मची तो भारत में भी चर्चा हुई अच्छी चीजों और खुशबु वैसे भी सीमा देशकाल के बंधन में बंधी होती है और सब उसे प्राप्त करने के लिए लालायित रहते हैं!
भारत में स्काउट गाइड का प्रवेश
स्काउट का सही अर्थ है गुप्तचर और यदि इस दृष्टि से देखें तो भारत में सबसे पहले गुप्त चढ़ते हनुमान जी जिन्होंने माता सीता की खोज करके कर्तव्य परायणता निष्ठा के वह मिसाल पेश की जय स्काउट गाइड के पूरे दल में सिखाई जाती है, और बी पी द्वारा भारत में स्काउटिंग की शुरुआत वर्ष 1909 में हुई, तथा आगे चलकर भारत वर्ष 1938 में स्काउट आंदोलन के विश्व संगठन का सदस्य भी बना। वर्ष 1911 में भारत में गाइडिंग की शुरुआत हुई, तथाभारत स्काउटिंग 1913 में ऐनी बेसेन्ट द्वारा प्रारम्भ करायी थी। अब भारत स्काउट व गाइड संस्था है।स्काउट-गाइड के माध्यम से बालकों का सर्वांगीण विकास कर उनमें सेवा का भाव विकसित किया जाता है।
आन्दोलन की सार्थकता
स्काउट-गाइड में राज्य पुरस्कार व राष्ट्रपति अवार्ड प्राप्त विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियों व प्रवेश में वरियता दी जाती थी।स्काउट एवं गाइड आंदोलन वर्ष 1908 में ब्रिटेन में सर बेडेन पॉवेल द्वारा आरम्भ किया गया। धीरे-धीरे यह आंदोलन हर एक सुसंगठित राष्ट्र में फैलने लगा, जिसमे भारत भी शामिल था। भारत में स्काउटिंग की शुरुआत वर्ष 1909 में हुई, तथा आगे चलकर भारत वर्ष 1938 में स्काउट एवं गाइड आंदोलन वर्ष 1908 में ब्रिटेन में सर बेडेन पॉवेल द्वारा आरम्भ किया गया। धीरे-धीरे यह आंदोलन हर एक सुसंगठित राष्ट्र में फैलने लगा, जिसमे भारत भी शामिल था। भारत में स्काउटिंग की शुरुआत वर्ष 1909 में हुई, तथा आगे चलकर भारत वर्ष 1938 में स्काउट आंदोलन के विश्व संगठन का सदस्य भी बना।स्काउट आंदोलन के विश्व संगठन का सदस्य भी बना! सन 1913 में पंडित श्रीराम बाजपेई शाहजहांपुर से स्काउट दल का निर्माण किया फिर 1916 में लड़कियों के लिए गाइड दल भी बना
स्काउट/गाइड आन्दोलन के तीन आधार-भूत सिद्धान्त
1. ईश्वर के प्रति कर्तव्य
2. दूसरों के प्रति कर्तव्य
3. स्वयं के प्रति कर्तव्य
विश्व चिंतन दिवस पर इन आधारभूत सिद्धांतों को यदि कोई भी जीवन में अमल में लाए तो ईश्वर की सबसे बड़ी सेवा हो सकती है देश की सेवा हो सकती है! स्वयं के प्रति अत्यधिक जागरूकता आज के चिंतन दिवस का मूल विषय है !