दलित समाज ने शोक सभा कर पंकज लाम्बा को दी श्रद्धांजलि
हरिद्वार/ दीपक मौर्य
हरिद्वार । उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाले को उजागर कर दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने वाले आरटीआई एक्टिवस्ट व सामाजिक कार्यकर्त्ता पंकज लाम्बा की हत्या के बाद से ही उनका परिवार सदमे में हैं । उनकी पत्नी ने समाज से इस मुसीबत में मदद की गुहार लगायी है । उनकी पत्नी का कहना है कि उनके पति की हत्या एक गहरी साजिश है जिसका खुलासा होना चाहिए । उनके परिवार की मदद के लिये कल दलित समाज ने रविदास मंदिर भेल सेक्टर 1 पर एक शोक सभा का आयोजन किया । जिसमे हरिद्वार जनपद के दलित समाज के सैंकड़ो बुद्धिजीवियों ने हिस्सा लिया । शोक सभा में मृतक पंकज लाम्बा की पत्नी ने समाज के सामने अपनी बात रखी ।
शोक सभा में दलित समाज के बुद्धिजीवियों ने एक स्वर से दुःख की इस घड़ी में परिवार के साथ होने की बात कही । वक्ताओं ने कहा कि जैसा कि मृतक की पत्नी बता रही है और ये सर्वविदित भी है कि छात्रवृति घोटाले के बाद से पंकज लाम्बा की दुश्मनी काफ़ी बढ़ गयी थी तथा उनकी जान को हमेशा खतरा रहता था । शोक सभा में पत्नी ने आरोप भी लगाया कि पूर्व में भी उनको जान से मारने की धमकियां मिलती रही हैं लेकिन सरकार व शासन प्रशासन ने उनकी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया जिसकी क़ीमत मेरे पति को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी । उन्होंने न्याय के लिये समाज के साथ साथ शासन प्रशासन से भी गुहार लगायी है ।
दलित समाज की बैठक में सर्वसम्मति से पंकज लाम्बा द्वारा समाज के बच्चों के लिये मिलने वाली छात्रवृत्ति के घोटाले के संघर्ष को याद करके उन्हें नमन किया । समाज के जिम्मेदार साथियो ने पंकज लाम्बा की हत्या की उच्च स्तर से जाँच करने की मांग को भी उठाया । साथ ही उन्होंने एसएसपी से मिलकर जाँच के संदर्भ में वार्ता करने का भी निश्चय किया ।समाज के जिम्मेदार साथियों ने अपनी बात रखते हुए मांग की है कि उत्तराखंड सरकार को इस हत्या को गंभीरता से लेते हुए मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी, रहने के लिये सरकारी आवास व दोनों छोटे बच्चों की शिक्षा व परिवार को 50 लाख के मुआवजे से मृतक के परिवार की मदद करनी चाहिए । आगे की न्यायिक लड़ाई के लिये एक समिति का गठन भी किया गया ।
दलित समाज के जिम्मेदार साथियों में रोशन लाल, राजेंद्र श्रमिक, दर्शन लाल, इंजी एसपी सिंह,सीपी सिंह, तीरथ पाल रवि, आशीष सिंह, पत्रकार दीपक मौर्य, अमरदीप रोशन, सतीश कुमार, विजय पाल सिंह कड़च्छ, उमेश कुमार बोस, भानपाल सिंह, सुनील कुमार सिंह, नेत्रवल अष्टवाल, भंवर सिंह, बालेश्वर सिंह, रणवीर गौतम, अरुण कुमार, संजय सिंह, छोटे सिंह, मंजीत सिंह, उदयवीर सिंह, मोदीमल तेगवाल, छोटू जयंती, ओमप्रयास, नसीर अहमद, अशोक उपाध्याय, जितेंद्र तेश्वर, महेंद्र परालिया, रफलपाल, कदम सिंह, एडवोकेट जसवीर, एडवोकेट रूप सैनी, बिजेंद्र ठेकेदार, नरेंद्र मास्टर, जटाशंकर श्रीवास्तव, उमेश शर्मा, नेत्रपाल अटवाल, राजेश गौतम, पीएल कपिल, मेहर सिंह, संत कुमार, मनोज कुमार, प्रिया एडवोकेट, अरूण लांबा, ज्योति लांबा, माता सरोज बाला, राजेंद्र जाटव आदि शामिल रहे।