सहकारी चीनी मिल बाजपुर ने चीनी के परता उत्पादन में रचा नया इतिहास,65 सालों में पहुंची शीर्ष पर ,उत्तराखंड और यूपी की सहकारी चीनी मिलों में सबसे आगे
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काशीपुर।
बाजपुर में स्थित सहकारी चीनी मिल ने इस साल नया कीर्तिमान स्थापित किया है। महाप्रबंधक हरवीर सिंह के नेतृत्व में मिल की पूरी टीम ने प्रारंभ में ही कुछ तकनीकी सुधार करके इस बार चीनी के परता उत्पादन में नया रिकॉर्ड बनाया है। मिल प्रबंधन के अनुसार पिछले 65 वर्ष मैं पहली बार इस बार 11.11 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल किया गया । खास बात यह है कि केवल उत्तराखंड की चार सहकारी मिलों में ही नहीं बल्कि यूपी की 23 सहकारी चीनी मिलों में यह सर्वाधिक है। बीती शाम बाजपुर आए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जब मिल कि इस उपलब्धि के संबंध में चीनी मिल के अधिकारियों ने जानकारी दी तो उन्होंने चीनी मिल के प्रबंधन को बधाई दी और भविष्य में भी मिल की तरक्की और बेहतरी के लिए सरकार की और से हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया ।
चीनी मिल बाजपुर के महाप्रबंधक हरवीर सिंह ने बताया कि मिल का उत्पादन सुधारने के लिए सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए 12 करोड़ 11 लाख रुपए से एक नया अत्याधुनिक बॉयलर और तीन सेंट्रीफ्यूगन मशीन लगाई गई थी जिनकी वजह से एक तो गन्ना पेराई में काफी मदद मिली साथ ही चीनी की रिकवरी का औसत भी सुधरा। उन्होंने बताया कि इस बार चीनी का परता उत्पादन उनकी मिल में 11.11% रहा जो कि पिछले साल 10.4% था। बाजपुर मिल के बाद उत्तर प्रदेश की गजरौला सहकारी चीनी मिल रही जिसका परता उत्पादन 11.3% रहा। बाजपुर मिल में पेराई सत्र इस बार विगत 9 दिसंबर को शुरू हुआ था। जो 6 मार्च को बंद हुआ। इस दौरान 24.79 लाख कुंतल गन्ने की पेराई हुई जिससे 2759 00 कुंतल चीनी का उत्पादन किया गया ।
मुख्यमंत्री द्वारा खुले मंच से सराहना मिलने से मिल प्रबंधन के अधिकारी और समस्त कर्मचारी काफी खुश हैं महाप्रबंधक हरवीर सिंह ने इस उपलब्धि का श्रेय मिल के एमडी जिलाधिकारी उदयराज सिंह, तकनीकी सलाहकार एचएस गंगवार मुख्य अभियंता नारायण सिंह एसके रस्तोगी, चीफ केमिस्ट समर पाल सिंह, सुरेश बिष्ट संदीप शुक्ला अतुल चौहान राजीव कुमार अरोड़ा आदि सहित पूरे मिल परिवार को दिया है।