कांवड़ मेले में बीईजी आर्मी तैराक दलों ने 104 कांवड़ियों/श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाया…
हरिद्वार। जिला अधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल के निर्देशन, अपर जिलाधिकारी पी.एल. शाह एवं डिप्टी कलेक्टर मनीष सिंह के मुख्य संयोजन एवं इंडियन रेडक्रॉस सचिव/नोडल अधिकारी आर्मी तैराक दल डॉ. नरेश चौधरी के संयोजन में कांवड़ मेला 2024 की सम्पूर्ण कांवड़ मेला अवधि में बीईजी आर्मी तैराक दलों के सैनिकों ने 104 शिवभक्त कांवड़ियों/श्रद्धालुओं को गंगा में डूबने से बचाकर उत्कृष्ट सराहनीय कार्य किया। जिसके लिए कांवड़ियों के साथ-साथ जन समाज ने भी बीईजी आर्मी के तैराक दलों के सभी सैनिकों की चुनौती पूर्वक कार्यों की सरहाना की गई। ज्ञात हो संपूर्ण कांवड़ मेला अवधि में अपनी मोटर बोट एवं सभी संसाधनों के साथ बीईजी आर्मी कमांडेंट ब्रिगेडियर के.पी. सिंह, कर्नल दीपक बासकंडी, ले. कर्नल प्रतीक गुप्ता के नेतृत्व में सूबेदार लखबीर सिंह, नायब सूबेदार प्रकाश चंद्र, हवलदार अमनदीप सिंह, हवलदार अनिल कुमार, हवलदार मन्दीप सिंह, हवलदार लखविंद्र सिंह, हवलदार विपिन कुमार, हवलदार त्रिलोक सिंह, हवलदार श्याम सुंदर दास, लांस हवलदार अनिल कुमार, लांस हवलदार संदीप कुमार, लांस हवलदार संजीत घोष, नायक शशिकांत, नायक बप्पा बर्मन, नायक देवब्राटा दास द्वारा हरकी पैड़ी के आसपास के सभी घाटों एवं रुड़की धनौरी क्षेत्र में मुस्तैदी से 104 शिवभक्त कांवड़ियों को डूबने से बचाकर उनके जीवन की रक्षा तो की ही साथ ही साथ भारतीय सेना का सम्मान भी बढ़ाया, जिसके लिए जगह-जगह भूरी भूरी प्रशंसा हो रही है। सम्पूर्ण कांवड़ मेला अवधि में सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और सामाजिक संस्थाओं के स्वयंसेवकों ने कंधे से कंधे मिलाकर जिला प्रशासन का समर्पित सहयोग किया। तथा बीईजी आर्मी के सैनिकों ने भी जल पुलिस, एसडीआरएफ के अतिरिक्त जिला प्रशासन का सहयोग किया और शिवभक्त कांवड़ियों की जान बचाकर जो पुण्य कार्य सैनिकों द्वारा किया गया वह भी देश की सीमाओं पर सेना द्वारा रक्षा करने के समान है। इसके लिए सेना के प्रत्येक सैनिक को जिला प्रशासन एवं जन समाज का बार-बार सलाम है। इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी ने अवगत कराया की रेडक्रॉस स्वयंसेवकों द्वारा भी घायलों को प्राथमिक उपचार के उपरान्त चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्रिय सहभागिता की। साथ ही साथ जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल की विशेष पहल पर भीड़ बढ़ने पर घायलों को मोटर बोट द्वारा ही प्राथमिक उपचार देते हुए शीघ्र अति शीघ्र बिरला घाट पर मुस्तैद की हुई एंबुलेंस में पहुंचाने की विशेष व्यवस्था की गई थी परंतु शिव भोले के आशीर्वाद से इसकी आवश्यकता नहीं पड़ी।