स्वामी रूपेंद्र प्रकाश ने की आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग, जानिए महाविद्यालय का इतिहास, विवाद और छात्रों को लेकर महाराज की घोषणा
हरिद्वार। महामंडलेश्वर एवं प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के पीठाधीश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने भगवानदास संस्कृत महाविद्यालय को फर्जी दस्तावेज बनाकर कब्जाने वाले आरोपियों कि जल्द गिरफ्तारी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि उक्त मामले में महावीर अग्रवाल, भोला झा आदि कुछ अभियुक्तों ने माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल से अरेस्ट स्टे लिया हुआ है।
दिनांक 22.07.2021 को जाँच अधिकारी अधिकारी द्वारा पाया गया प्रभारी प्राचार्य निरञ्जनमिश्र भी अपराधी है इसलिए उसको गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। शेष अभियुक्त गण महावीर अग्रवाल, भोला झा, बिनय बगई, अजय चोपड़ा, अनिल मलिक,शैलेश कुमार तिवारी आदि की गिरफ्तारी अभी शेष है। उपरोक्त अभियुक्तगण येन-केन-प्रकारेण गिरफ्तारी से बचते हुए शहर में शरेआम घूम-घूमकर मामले को राजनीति कर रहे है और क़ानून की धज्जियां उडा रहे हैं। प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम प्रशासन से मांग करता है कि आश्रम के महाविद्यालय की सम्पत्ति को खुर्द-बुर्द एवं नाजायज कब्जा करने वालों की तत्काल गिरप्तारी की जाए। अन्यथा बाक़ी लोग उच्च न्यायालय से अरेस्टिंग स्टेय में जाएँगे।आरोपियों की गिरफ़्तारी होनी आवश्यक है। शिक्षा के पवित्र मंदिर को भ्रष्टाचार का केंद्र बनने से रोका जाना बहुत आवश्यक है
1965 में हुई थी महाविधालय की स्थापना
श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम, पो0-गुरुकुल कांगडी, हरिद्वार की स्थापना आश्रम के महन्त स्वामी श्री गुरुचरणदास जी महाराज, स्महन्त स्वामी रामप्रकाश जी,स्वामी गोविन्द प्रकाश जी महाराज तथा स्वामी हंसप्रकाश जी महाराज ने संस्कृत एवं संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु सन् 1965 में आश्रम की भूमि पर की थी, जिसकी महाविद्यालय की मातृसंस्था श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम, पो0-गुरुकुल कांगडी, हरिद्वार है। धीरे-धीरे यह महाविद्यालय भारत सरकार की आदर्श योजना के अन्तर्गत आ गया, जिसके लिये उसे केन्द्र सरकार से तथा मातृसंस्था से वित्त उपलब्ध होने लगा। महाविद्यालय की जनकसमिति श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय, प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम, पो0-गुरुकुल कांगडी, हरिद्वार इस समिति का नवीनीकरण सोसायटी रजिस्ट्रार हरिद्वार में पाँच वर्षों के लिये सन् 2015 तक कराती रही।
ये है विवाद
तत्कालीन महन्त प्रबन्धक श्री हंसप्रकाश जी महाराज के जनवरी 2013 में ब्रह्मलीन होने के उपरान्त 2016 से अचानक श्री महावीर अग्रवाल जोकि राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान दिल्ली से महाविद्यालय की प्रबन्ध समिति के चैयरमेन तीन वर्षों के लिये बनाये गये थे, उन्होंने नफानजायज कमाने के लिये षड्यन्त्र पूर्वक कूटरचना करते हुए प्रबन्ध समिति के सदस्यों को मातृसंस्था के रूप में दिखाकर चिट्स फण्ड सोसायटी हरिद्वार में इसका नवीनीकरण करा दिया, जिससे श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम हरिद्वार के पेरेन्टस् बोडी के अध्यक्ष तथा प्रबन्धक के स्थान पर अपना तथा अनिल मलिक,बिनय बगई, अजय चोपड़ा, शैलेश कुमार तिवारी और भोला झा आदि साथियों के नाम पञ्जीकृत कर लिये गये। प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम को जब यह जानकारी प्राप्त हुई तब आश्रम द्वारा थाना कोतवाली में एक मुकद्दमा अपराध संख्या 270 सन् 2019 उपरोक्त अभियुक्तों के विरुद्ध अन्तर्गत धारा 419, 420, 465, 467, 468, 471, एवं 120 बी, भारतीय दण्ड संहिता के तहत कोतवाली ज्वालापुर जिला हरिद्वार में दिनांक 14.06.2019 को दर्ज कराया गया।
रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने ये की घोषणा
महामण्डलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश जी ने कहा कि शास्त्री, आचार्य, योग, वेदान्त आदि पढने वाले विद्यार्थियों को निःशुल्क छात्रावास, भोजन, पुस्तक वस्त्र आदि प्राचीन अवधूत मण्डल आश्रम द्वारा उपलब्ध कराये जायेगें। हमारे गद्दीनशीन गुरुजनों ने भारतीय सभ्यता, संस्कृति, संस्कृत, धर्म आदि को पनपाने के लिये महाविद्यालय रूपी जो पौधा लगाया है, उसको पल्लवित, पुष्पित तथा संरक्षित करने हेतु आश्रम तन-मन-धन से सदा तैयार है।
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