नहीं रहे प्रसिद्ध साहित्यकार, कवि, शिक्षक कठिन बातों को कविता के माध्यम से सहज में ही कह देने वाले लाखों लोगों को अपने सरल व्यक्तित्व, ईमानदार छवि से प्रभावित करने वाले के.एल. दीवान।
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। दीपशिखा साहित्यक मंच के संस्थापक अपनी हृदय को छू देने वाली कहानियों, कठिन बातों को कविता के माध्यम से सहज में ही कह देने वाले लाखों लोगों को अपने सरल व्यक्तित्व, ईमानदार छवि से प्रभावित करने वाले के.एल. दीवान (कृष्ण लाल दिवान) का निधन हो गया है। 84 वर्षीय के.एल. दीवान का बचपन पाकिस्तान में बीता और 1950 के आस-पास वें अपने माता-पिता के साथ देहरादून आ कर बस गए। हिन्दू, उर्दू, अंग्रेजी में उनकी विशेष पकड़ थी और इन्ही भाषाओं में उन्होंने साहित्यक सर्जन करना प्रारम्भ किया जो अंतिम समय तक जारी रहा। के.एल. दीवान साहित्यकार के साथ-साथ उच्च कोटि के शिक्षक भी थे इस कारण लोग उन्हें गुरू जी कहा करते थे। हरिद्वार के श्रवण नाथ नगर के एक विद्यालय से प्रारंभ हुआ उनका शिक्षण कार्य जीवन के अंतिम वर्षो तक जारी रहा।
गोविंद कृपा सेवा समिति धर्मार्थ ट्रस्ट की अध्यक्ष अनीता वर्मा ने कहा कि गुरू जी को बच्चों को पढाने में आनंद आता था। ब्रह्मपुरी में ज्ञानोदय एकेडमी स्कूल स्थापित कर उन्होंने वर्षों बच्चों को पढाया, आधे से ज्यादा बच्चे फीस नहीं दे पाते थे लेकिन गुरू जी निर्विकार भाव से शिक्षा देने का कार्य जारी रखते थे, लोग भी हृदय से उनका सम्मान करते थे। अनीता वर्मा ने कहा कि हमने तो अपना अभिभावक ही खो दिया है।
हिन्दू प्रेस जहाँ पर उनकी साहित्यक पुस्तकें प्रकाशित होती थी उसके मालिक एवं भाजपा पार्षद दल के उपनेता अनिरूद्ध भाटी ने के.एल दिवान जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए कहा कि गुरू जी अत्यंत विनम्र, माँ सरस्वती के वरदहस्त पुत्र थे, जिन्होंने अपना सारा जीवन साहित्य सेवा और बच्चों को पढाने में व्यतीत कर दिया। अनिरूद्ध भाटी ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि गुरू जी को सरकार, साहित्यक एकडेमियो, ने वो सम्मान नही दिया जिसके वो हकदार थे। उन्होंने कभी किसी को अपनी पैरवी करने को नहीं कहा, और निष्काम भाव से अपना काम करते रहे। हिन्दू प्रेस परिवार को गुरु जी का जाना व्यक्तिगत क्षति है।
के.एल. दिवान के निधन पर शहर के साहित्यकारों सुशील त्यागी, मीरा भारद्वाज, गांगये कमल, वरिष्ठ पत्रकार कौशल सिखौला, बिजेन्द्र हर्ष, शशि शर्मा, रोटरी क्लब कनखल के पदाधिकारीयों, डॉ. विशाल गर्ग, अशोक सप्रा, विनय कुमार सहित समाज की विभिन्न संस्थाओ ने शोक प्रकट किया।