आपदा प्रबंधन एवं स्वास्थ्य स्वच्छता पर छात्र-छात्राओं को किया जागरूक…

हरिद्वार। इंडियन रेडक्रॉस के तत्वाधान में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. राजेश सिंह के निर्देशन एवं इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी के संयोजन में सरस्वती विद्या मंदिर मायापुर इंटर कॉलेज के छात्र-छात्राओं को आपदा प्रबंधन एवं स्वास्थ्य स्वच्छता के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन कर जागरूक किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी एवं सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रवज्जलित कर किया। कार्यशाला में इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी ने आपदा प्रबंधन पर विशेष रूप से विस्तृत जानकारियां देते हुए प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि दैवीय आपदाओं को रोका नहीं जा सकता परन्तु जागरूकता एवं समय रहते हुए की गई तैयारियों से कम किया जा सकता है। जिससे आपदाओं के उपरान्त होने वाली जनहानि एवं आर्थिक हानि को भी न्यूनतम किया जा सकता है। डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि 2013 में आई हुई केदारनाथ दैवीय आपदा के समय बहुत कम संसाधन हमारे उत्तराखंड प्रदेश पर थे, जिसकी वजह से लगभग 6000 जन हानि हुई, इसके बाद प्रदेश में संसाधनों को सुदृढ़ किया गया तथा जन समाज को जागरूक किया गया जिससे 2013 के बाद आई हुई आपदाओं में जनहानि, आर्थिक हानि, पशु हानि को सीमित किया जा सका। इंडियन रेडक्रॉस ने भी आपदाओं से निबटने के लिए प्रत्येक जनपद में “First Medical Responders” (फर्स्ट मेडिकल रिस्पांडर्स) प्रशिक्षित कर तैयार किए गए, जिन्होंने प्रदेश में आई हुई आपदाओं में प्रभावित क्षेत्रों में सबसे पहले स्थानीय होने के कारण मौके पर पहुंचकर प्रभावितों की यथासंभव मदद कर सराहनीय सहयोग कर जिला प्रशासन के साथ अग्रणी भूमिका का निर्वहन किया। सभी प्रतिभागियों को आपदा से पूर्व, आपदा आने पर एवं आपदा के बाद क्या-क्या करना है, पर विशेष रूप से प्रकाश डालते हुए मानसिक रूप से तैयार किया गया। डॉ. करिश्मा जोशी और डॉ. प्रज्ञा ने स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पर प्रतिभागियों को जागरूक किया। अंत में सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अजय कुमार ने इंडियन रेडक्रॉस सचिव डॉ. नरेश चौधरी एवं रेडक्रॉस स्वयंसेवक डॉ. करिश्मा तथा डॉ. प्रज्ञा का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस प्रकार के जन जागरण से छात्र-छात्राओं को जो ज्ञान अर्जित हुआ है, उससे प्रेरित होकर सभी प्रतिभागी छात्र जन समाज को भी अपने-अपने स्तर से जागरूक करेंगे, जिसकी वर्तमान परिप्रेक्ष्य में सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। कार्यशाला में कॉलेज के सभी अध्यापकों/अध्यापिकाओं के साथ 600 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया।

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