राजकीय प्राथमिक शिक्षक एसोसिएशन हरिद्वार ने अध्यापकों एवं कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड की सुविधा/लाभ न मिलने के संबंध में मुख्यमंत्री ,स्वास्थ्य मंत्री, सचिव, निदेशक एवं स्वास्थ्य प्राधिकरण को भेजा पत्र

आज राजकीय प्राथमिक शिक्षक एसोसिएशन हरिद्वार ने अध्यापकों एवं कर्मचारियों के गोल्डन कार्ड के प्राविधानानुसार निर्धारित सुविधा/लाभ न मिलने के संबंध मुख्यमंत्री स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य सचिव स्वास्थ्य निदेशक एवं राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण देहरादून को को संबोधित एक पत्र प्रेषित किया। जिसमें जिला अध्यक्ष जितेंद्र सिंह एवं जिला महामंत्री दर्शन सिंह पँवार ने संयुक्त रूप से कहा कि कि शिक्षकों एवं कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड के प्राविधान अनुसार निर्धारित सुविधा और लाभ नहीं मिल रहा है एवं ओपीडी को भी गोल्डन कार्ड में शामिल किया जाए।

अध्यापकों एवं कर्मचारीयों के मासिक वेतन में से कैशलेस इलाज के लिए गोल्डन कार्ड के नाम पर वेतन लेवल 01 से 05 तक ₹ 250, वेतन लेवल 06 से 450 रुपया, वेतन लेवल 07 से 11 तक 650 रुपया, और वेतन लेवल 12 या उससे अधिक पर ₹1000 की मासिक अंशदान की कटौती इसलिए की जाती है की बीमारी या किसी आपातकालीन स्थिति में अध्यापकों एवं कर्मचारीयों को और उनके परिवार के सभी सदस्यों को असीमित स्वास्थ्य बीमा कवर /स्वास्थ्य सुविधा मिलने का प्रावधान है।गोल्डन कार्ड धारकों को अस्पतालों में भर्ती होने पर वार्ड आवंटन के लिए निम्नलिखित प्रावधान हैं:

– वेतन लेवल 01 से 05 तक के कर्मचारियों को – जनरल वार्ड,
– वेतन लेवल 06 से 09 तक के कर्मचारियों को – सेमी प्राइवेट वार्ड/सेमी डीलक्स वार्ड
– वेतन लेवल 10 से 12 तक के कर्मचारियों को – प्राइवेट वार्ड/डीलक्स वार्ड,
– वेतन लेवल 12 या ऊपर के अधिकारियों को – डीलक्स/सुपर डीलक्स वार्ड आवंटन की व्यवस्था है
– परंतु उसके बावजूद भी हरिद्वार और कई अन्य शहरों के अस्पतालों में गोल्डन कार्ड धारक मरीज को आयुष्मान कार्ड की भांति ट्रीट किया जाता है और इलाज की सीमा भी अधिकतम 05 लाख बताई जा रही है वेतन लेवल के अनुसार प्राइवेट वार्ड की जगह सभी को जनरल वार्ड में शिफ्ट किया जाता है अस्पतालों के अधिकारीयों/ कर्मचारियों से उक्त के संबंध में बात करने पर उनके द्वारा बताया जाता है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के पोर्टल पर सभी को जनरल वार्ड और इलाज की अधिकतम सीमा 05 लाख ही प्रदर्शित हो रही है।

महोदय राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण/स्वास्थ्य विभाग के कस्टमर केयर एवं अधिकारियों से बात करने पर उनके द्वारा बताया जा रहा है कि देहरादून में जो पोर्टल है उस पर गोल्डन कार्ड के प्रावधानों के अनुसार ही सभी सुविधाएं प्रदर्शित हो रही है और मिल रही है और उन्होंने माना कि हरिद्वार और दूसरे शहरों में यह समस्या है क्योंकि वहाँ पर दूसरा पोर्टल है जिस पर उक्त सुविधाएं प्रदर्शित नहीं हो रही है।
– जिस कारण से हरिद्वार और तमाम अन्य शहरों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड के नाम पर मासिक कटौती होने के बाद भी गोल्डन कार्ड में वर्णित प्रावधानों के अनुसार स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है यदि अध्यापक और कर्मचारियों का और उनके परिवार के सदस्यों का इलाज आयुष्मान कार्ड के हिसाब से ही होना है तो शिक्षकों और कर्मचारीयों से उनके वेतन में से होने वाली मासिक कटौती को बंद किया जाए।
– महोदय राज्य सरकार के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को एस0जी0एच0एस0 (SGHS) में सूचीबद्ध अस्पतालों और गैर सूचीबद्ध अस्पतालों में ओपीडी,जिसमें परामर्शुल्क, डायग्नोटिक्स, रेडियोलॉजी, जांच और दवाइयां पर होने वाले व्यय का भुगतान स्वयं करना पड़ता है जिस पर की कई बार लाखों रुपया खर्च आता है जिसका भुगतान चिकित्सा प्रतिपूर्ति के रूप में किए जाने का प्रावधान है,किंतु सी0जी0एच0एस0 की भुगतान की दर इतनी कम है कि मरीज को उसके वास्तविक व्यय का एक चौथाई ही मिल पाता है और उसे पाने के लिए भी अनेक जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है उसके बाद भी उसे मिलने पर सालों साल लग जाते है जिस कारण से शिक्षक कर्मचारी मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित और परेशान रहता है
– अतः निवेदन है कि ओ0पी0डी0 को भी गोल्डन कार्ड में शामिल किया जाय और हरिद्वार और अन्य शहरों के पोर्टल को सही करने की कृपा कीजियेगा ताकि अध्यापकों एवं कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड में वर्णित प्रावधानों के अनुसार इलाज/सुविधा मिल सके।

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