किसानों को मिले राजनीतिक भागीदारी -चौधरी ऋषिपाल अंबावता।
हरिद्वार। रोड़ी बेलवाला मैदान में आयोजित भारतीय किसान यूनियन अंबावता का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन बुधवार को संपन्न हो गया। शिविर के समापन पर संगठन को मजबूत करने को लेकर प्रस्ताव पारित किए गए और पांच सूत्रीय मांगों को लेकर नायब तहसीलदार के माध्यम राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित किया गया। इस दौरान किसान नेताओं ने यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अंबावता को राममंदिर की प्रतिमा भेंट की। अधिवेशन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि जब तक किसान को राजनैतिक भागीदारी और फसल का वाजिब दाम नहीं मिलेगा। तब तक किसान की दशा और दिशा बदलने वाली नहीं है। राजनैतिक भागीदारी और फसलों के वाजिब दाम के लिए किसानों को एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम मिल इसके लिए तत्काल एमएसपी पर फसल की खरीद का गारंटी कानून बनाया जाए। किसानों का पूरा कर्ज माफी किया जाए। पूरे देश में वृद्धावस्था पेंशन पांच हजार रूपए प्रतिमाह की जाए। गन्ने का तत्काल भुगतान किया जाए। उत्तराखंड में किसानों के बिजली कनेक्शन काटने पर तुरंत रोक लगायी जाए। चौधरी ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि देश में किसानों को राजनीतिक भागीदारी मिलनी चाहिए। जब तक राजनैतिक भागीदारी नहीं मिलेगी तब तक किसानों की दशा बदलने वाली नहीं है। सरकार किसानों की सुध लेने को तैयार नहीं है। एमएसपी किसानों की प्रमुख मांग है। यदि सरकार किसानों की मांगे पूरी नहीं करती है तो तमाम किसान संगठन मिलकर एक बार फिर बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उन्होंने कहा कि संसद में किसानों की आवाज बुलंद हो। इसके लिए जल्द ही किसानों का प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलेगा। आंध्र प्रदेश अध्यक्ष मुश्ताक वजीद अली, कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष मल्ल्किार्जुन, प्रवक्ता अनीस गाजी, किसान मंच के विनोद सिंह, पंजाब से सतनाम सिंह भेरू, आरके त्यागी, प्रवीण अंबावता, रामपाल सिंह, हरयाणा प्रदेश अध्यक्ष दिलबाग हुड्डा, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र सिंह, उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष जोगेंद्र चौधरी, हरिद्वार जिला प्रभारी योगेश चौधरी, उपाध्यक्ष राजेंद्र नागर, गंगा प्रसाद यादव, रूपेश शुक्ला, बलविन्द्र बाजवा, रामपाल अंबावता, जगजीवन राम, सतपाल मलिक, रतनलाल रंधावा ने भी किसानों को संबोधित किया। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से आए हजारों किसान मौजूद रहे।