जाट महासभा पंचपुरी ने पुण्यतिथि पर भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को दी श्रद्धांजलि…
हरिद्वार। बुधवार जाट महासभा पंचपुरी, हरिद्वार एवम राष्ट्रीय लोकदल, उत्तराखण्ड द्वारा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह (पूर्व प्रधानमंत्री भारत सरकार) की 37वीं पुण्यतिथि आर्य समाज सेक्टर – 01 भेल में पूरी विधि विधान के साथ मनाई गई।
सभा द्वारा वैदिक यज्ञ किया गया जिसके यज्ञमान कृष्ण कुमार पुनिया एवम सिकंदर सिंह तथा यज्ञ के पुरोहित विजय पाल सिंह रहे उनका साथ चौधरी देवपाल सिंह राठी (अध्यक्ष, जाट महासभा पंचपुरी, हरिद्वार प्रधान, आर्य समाज इंद्रलोक सिडकुल हरिद्वार एवम वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय लोकदल उत्तराखण्ड) ने दिया।
यज्ञ के बाद अपने संबोधन में चौधरी देवपाल सिंह राठी ने कहा कि चौधरी चरण सिंह पक्के आर्य समाजी, स्वतंत्रता सेनानी के साथ एक आदर्श नेता थे जिन्होंने कभी झूठ को अंगीकार नही किया। उन्होंने नागपुर अधिवेशन में नेहरू से स्वीकृति लेते हुए जिसमें उन्हें बोलने के लिए मात्र अल्प समय दिया गया था लेकिन वो निर्भीक होकर घंटो बोले और पंडित जवाहरलाल नेहरू सुनते रहे जबकि पंडित नेहरू के सामने किसी की बोलने की हिम्मत नही होती थी ये उनकी निर्भीकता का ही प्रमाण है। उन्होंने उस समय के प्रधानमंत्री नेहरू को नसीहत दी थी। चौ. चरण सिंह ने जो बाद में देश के प्रधानमंत्री भी बने। उन्हें एक बार पंडित नेहरू ने कह दिया कि चौ. चरण सिह में जाटपना है। मतलब वो हर चीज में ताकत दिखाते है, और अपनी बात पर अड़े रहते हैं। उस वक्त चौ चरण सिंह कांग्रेस के मेरठ जिला प्रधान हुआ करते थे। उनको नेहरू की यह बात बुरी लगी और पं. नेहरू को चिट्ठी लिख कर जाट का मतलब समझाया। चौ. चरण सिंह में इतनी हिम्मत थी कि प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु को उनसे माफी मांगनी पड़ी। पं. नेहरू ने जवाब दिया था कि वो महान जाट कौम की बहुत इज्जत करते हैं,मुझे इनके इतिहास पर गर्व है और जाटपना का आप गलत मतलब ले गये, मेरा मतलब था, जाट एक ताकतवर कौम है।
चौ. चरण सिंह ने कहा था जाट भले ही पढे लिखे शहरी नही हैं, गांवों में रहते हैं, इसका मतलब ये नही कि जाट शहरी से कम हैं, जाट खुद को किसी शहरी से कम नही मानते हैं।
देवेंद्र कुंडू (महामंत्री) ने कहा कि चौधरी चरण सिंह निष्पक्ष कार्य करते थे जब लगातार पुलिस थानों से रोज शिकायत आती थी तब उन्होंने भेस बदल कर थाने जाकर एक गरीब के रूप में अपनी रिपोर्ट लिखने के लिए कहा मगर वो आना कानी करने लगे काफी समय के बाद उन्होंने उनकी रिपोर्ट दर्ज की जब उस पर दस्तखत करने की बात आई और उन्होंने अपना नाम लिखा तो थाने के अधिकारी दंग रह गए और उन्होंने पूरा थाना सस्पेंड कर दिया ये थी उनकी ईमानदारी।
कृष्ण कुमार पुनिया ने कहा कि चौधरी चरण सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी तो थे ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में मंत्री होते हुए अनेकों कार्य किए किसान को रजवाहे पर चलने का अधिकार, किसानों को जिस भूमि को वो जोत रहे थे उसका दस गुना लगान जमा कर उसका मालिकाना हक दिया, अर्थात जमींदारी प्रथा खत्म कर उन्हें जमीन का मालिकाना हक दिया जिससे किसान अपनी जमीन के मालिक बने।
उन्होंने किसानों की फसल के वाजिम दाम दिलवाये जिससे साहूकार द्वारा उनका शोषण बंद हो सके। उनके द्वारा अनेकों किताब लिखी गई जो आज भी विदेशों में पढ़ाई जाती हैं, उनके द्वारा इमरजेंसी में जेल में एक किताब लिखी गई जिसका नाम शिष्टाचार है जिसमे जीवन जीने, दूसरो के प्रति किस तरह सम्मान दिया जाए जैसी छोटी-छोटी बातें लिखी गई हैं। आज हम सभी उनकी 37वीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन करते हैं। संचालन अजय मलिक ने किया। बाद में सभी ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। बाद में शांति पाठ किया गया।
कार्यक्रम में चौधरी रविन्द्र सहरावत, सिकन्दर सिंह, नवल सिंह, मतीन चौधरी, वेद प्रकाश, लक्ष्मी देवी, सौरभ राठी, कृष्ण कुमार पुनिया, मनवीर सिंह सिरोही, सत्यवान सिंह, नरेश कुमार, प्रमोद राठी, शमशेर गिल, जीत सिंह ढिल्लो, राममेहर सिंह, ओम प्रकाश मालिक, संजीव चौधरी, सी पी सिंह राठी, सुशील कुमार, जसवंत सिंह, सुधीर कुमार, डा० रामभजन सिंह, तुषार, राजकुमार मलिक, जितेन्द्र चहल , सुधांशु, ऋषिपाल सिंह, रकम सिंह, महक सिंह, योगेश पंवार, चौधरी उपेन्द्र, मांगे राम, जसवीर सिंह, धनवीर सिंह, सुरेन्द्र सिंह, सतीश चौधरी एडवोकेट, शोर्य पुनिया, प्रदीप चौधरी, ईसम सिंह वर्मा, धूम सिंह, परमवीर सिंह, रणवीर सिंह, अनुज कुमार मलिक, रणजीत सिंह राणा, अंगपाल सिंह, अजय मालिक आदि आदि सम्मिलित रहे।