एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज में पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा किया गया रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन…
हरिद्वार / सुमित यशकल्याण।
हरिद्वार। शनिवार को एसएमजेएन (पीजी) काॅलेज में ‘सिंगल यूज प्लास्टिक उन्मूलन’, ‘नशा मुक्ति’ तथा ‘पर्यावरण सुरक्षा’ शीर्षक पर पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा पर्यावरण जागरूकता हेतु रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग नहीं करने की तथा नशा न करने की शपथ दिलायी गयी। रंगोली प्रतियोगिता में गौरव बंसल व टीम इवेंट में अर्शिका वर्मा व हर्षित प्रजापति ने प्रथम स्थान, द्वितीय अंजली गोत्रा, कृतिका वर्मा आदि तथा एकल में आमिर खान ने द्वितीय स्थान और ग्रुप मे अंशिका व इशिका भारद्वाज तथा एकल में वैशाली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
काॅलेज के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने सभी प्रतिभागियों को अपनी शुभकामनायें देते हुए कहा कि रंगोली भारत की प्राचीन सांस्कृतिक परम्परा और लोक-कला है। अलग-अलग प्रदेशों में रंगोली के नाम और उसकी शैली में भिन्नता हो सकती है, परन्तु इसके पीछे निहित भावना और संस्कृति में पर्याप्त समानता है। प्रो. बत्रा ने रंगोली को मानवीय भावनाओं का प्रतीक भी माना जाता है। आज छात्र-छात्राओं ने सिंगल यूज प्लास्टिक व नशा मुक्त भारत पर रंगोली के माध्यम से बहुत सुन्दर और प्रेरणादायी संदेश दिये हैं।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि रंगोली धार्मिक, सांस्कृतिक आस्थाओं का प्रतीक रही है। उन्होंने कहा कि रंगोली हर्ष और प्रसन्नता का प्रतीक रंगमयी अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि रंगोली समाज को जागृत करती है।
रंगोली प्रतियोगिता में फाईनलिस्ट आठ टीमों ने प्रतिभाग किया। टीम 01 में मानसी वर्मा, शालिनी सिंह, आंकाक्षा कश्यप, टीम 02 में अंजली गोत्रा, कृतिका वर्मा, दिव्या तिवारी, केशव माहेश्वरी, कुमकुम जैन, टीम 03 में अनुराधा बर्मन, निशा भास्कर, सीमा सैनी, सरस्वती तथा गौरव बंसल, आमिर खान, टीम 04 में अंशिका, इशिका भारद्वाज, टीम 05 में अर्शिका हर्षित प्रजापति तथा वैशाली ने प्रतिभाग किया।
टीम 02 की अंजली गोत्रा व कृतिका वर्मा ने कहा कि हम अपनी रंगोली के माध्यम से ये बताना चाहते हैं कि मानव जाति अलग-अलग तरीके से पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं, अगर समय रहते हमने कोई सख्त कदम नहीं उठाया तो हमारा भविष्य अंधकार में डूब जायेगा। अर्शिका व हर्षित ने कहा हमने अपनी रंगोली में यह दर्शाया है कि हम हमेशा कथित तौर पर ही प्लास्टिक उन्मूलन की बात करते हैं, हमें आवश्यकता है कि हम व्यावहारिक रूप से भी प्लास्टिक के प्रयोग से बचे तथा पाॅलीथिन बैग की जगह कपड़े के बैग का प्रयोग करें।
गौरव बंसल ने कहा कि जिस प्रकार पर्यावरण रक्षा के लिए विश्नोई जाति के लोगों ने आन्दोलन किया, यह रंगोली बजट एवं वन मैन वन वोट को भी दर्शाती है। रंगोली प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने अपनी रंगोली की कला के माध्यम से विभिन्न सन्देश देने का कार्य किया जिसमें ‘पर्यावरण बचाओ’, ‘सिंगल यूज प्लास्टिक,’ विश्व कैंसर दिवस, गो-ग्रीन, विश्नोई आन्दोलन, ‘सेफ द अर्थ’, ‘प्लास्टिक पर प्रतिबन्ध’, आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे। निर्णायक मण्डल की अहम् भूमिका का निवर्हन निखिल रजंन, वरूण मिश्रा, हिमांशु श्रीवास्तव तथा डॉ. संदीप रावत ने किया।
रंगोली प्रतियोगिता को सम्पन्न कराने में डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. विजय शर्मा, चन्द्र मोहन मिश्रा, वैभव बत्रा, डाॅ. रजनी सिंघल, अनन्या भटनागर आदि का विशेष सहयोग रहा तथा सभी विजयी छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनायें प्रेषित की। कार्यक्रम का संचालन अनंन्या भटनागर द्वारा किया गया।